Sharabi Janwar Ki Qurbani Jayiz He Ki Nahi / शराबी जानवर की कुर्बानी जाइज़ है कि नहीं

Sharabi Janwar Ki Qurbani Jayiz He Ki Nahi / शराबी जानवर की कुर्बानी जाइज़ है कि नहीं

शराबी जानवर की कुर्बानी जाइज़ है या नहीं
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सवाल

अस्सलामुअलैकुम व रहमतुल्लाही व बरकातुहू

क्या फरमाते हैं उलमाए इकराम व मुफ्तियाने इजा़म इस मस्अला के बारे में
कि कोई शख्स एसा जानवर लाया जो शराब पीता था (हालां कि ये बात अकसर लोगों को मालूम थी कि वो शराब पीता है) तो उसकी कुर्बानी हो जाएगी या नहीं और गोश्त का क्या हुकुम होगा मुदल्लल जवाब इनायत फरमाएं महेरबानी होगी ।



जवाब

वालैकुमअस्सलाम व रहमतुल्लाही व बरकातुहू

वोह जानवर जिनकी परवरिश हराम गि़जा़ जेसे शराब या खिंजी़र के दूध  वगेरह से की गयी उन सबका हुकुम गन्दगी खाने वाले जानवर के मिस्ल है फुकहा फरमाते हैं कि एसे हलाल जानवरों को चन्द रोज़ रोके रहें और हलाल व पाक चारह खिलाऐं कि उससे अशियाए हराम का असर खतम हो जाए उसके बाद जिबह व कुर्बानी और गोश्त खाना सब जाइज़ है ।


आलाहज़रत रदियल्लह अनहू फरमाते हैं फतावा का़जी़ खां में है

  لو ان جدی یا غذی بالبن الخنزیر لا باس باکله، لان لحمه لایتغیر، وما غذی به یصیر مستهلکا، ولا یبقی له اثر 

अगर भेंड़ के बच्चे ने खिंजी़र के दूध से परवरिश पाई तो उसके खाने में हरज नहीं कियुंकी उसका गोश्त मुतग़य्युर नही होता और जो गिजा़ उसने खाई वो खतम हो गयी उसका कोई असर बाकी न रहा 

और फतावा कुबरा व फतावा आलमगीरी में है

  الجدی اذا کان یربی بلبن الاتان والخنزیر، ان اعتلف ایاما فلا باس، لانه بمنزلة الجلالة والجلالة اذا حبست اياما فعلفت لا بأس بها فكذا هذا

भेंड़ के बच्चे ने अगर गधी के दूध या खिंजी़र के दुध से परवरिश पाई और फिर चन्द रोज़ चारह दिखाया तो कोई हरज नही है कियुंकी ये गंदगी खाने वाले जानवर की तरह है कि जब इसको चन्द रोज़ केद रखा तो इसने चारह खाया तो इसमे कोई हरज नही है ये भी ऐसे ही है ।

 (فتاویٰ رضویہ جدید ٢٠ ص ٢٥٨ تا ٢٦١ مطبع روح المدینہ)

इबाराते बाला से मालूम हुआ कि मज़कूरह जानवर की कुर्बानी और गोश्त बिला कराहत जाइज़ है बशरते कि पहले उसको कै़द रखकर कुछ दिन हलाल चारह खिलालें,आलमगीरी किताबुल अज़हियह मे एसे जानवरों को रोक कर हलाल चारह खिलाने की मुद्दत गाय, भैंस के लिये बीस 20 दिन और बकरी के लिए दस 10 दिन जिक्र की है :
 لاتجوز الجلالة وھی التی تاکل العذرۃ ولا تاکل غیرھا فان کانت الجلالة بلا تمسك اربعین یوما حتی یطیب لحمھا والبقر یمسك عشرین یوما والغنم عشرۃ ایام واللہ ورسولہ اعلم بالصواب 

      वल्लाहु आलमु बिस्सवाब



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आपकी दुआओं का मुन्तजिर मो० उस्मान आशिकी़ 

Rasulpanah Lakhimpur Kheri Up India

Monday / 4 / July / 2022

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