Haram Maal Ka Vabal / हराम माल का वबाल
हज़रते अबदुल्ला बिन मस्ऊद रदिअल्लाहु ताआला अनहू से मरवी तवील हदीस मुबारक में इरशादे नबवी है :
لا يكسب عبد مالا من حرام ،فينفق منه فيبارك له فيه، ولا يتصدق به فيقبل منه، ولا يترك خلف ظهره الا كان زاده الي النار
( مسند احمد : 3672)
जो बन्दा हराम माल हासिल करता है खर्च करे तो उस्के लिए उस्में बरकत नही उसे सदका़ करे तो मक़बूल नहीं और तरका छोडे़ तो जहंनम को जाने का सामान है।
हराम माल की तीन हालते हैं और तीनों खराबी और खसारे का बाइस हैं , लिहाजा़ कुर्बानी ओर दीगर माली इबादात के लिए माल का हलाल होना ज़रूरी है
आप की दुआओं का मुन्तजिर मो० उस्मान आशिकी
Rasulpanah Lakhimpur Kheri Up India
Monday / 4 / July / 2022