Jo bakri gabhin na ho uski qurbani ho jayegi / जो बकरी गाभिन न हो उसकी कु़र्बानी हो जाऐगी

Jo bakri gabhin na ho uski qurbani ho jayegi / जो बकरी गाभिन न हो उसकी कु़र्बानी हो जाऐगी

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अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहू


सवाल

उलमाए इकराम इस मस्अला के बारे में क्या फरमाते हैं 
कि एक बकरी है उसे जान बूझ कर बहेला छोड़ दिया जाए यानि गाभिन न कराया जाए तो उसकी कु़र्बानी हो जाएगी या नही । 
जवाब इनायत फरमाएं महेरबखनी होगी


जवाब

वालैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाही व बरकातुहू


मज़कूरह बकरी की उमर एक साल मुकम्मल हो और कोयी मआना शरई भी न हो तो कुर्बानी बिला कराहत जाइज़ है ।
गाभिन न कराना उयूब मवाना में शुमार नहीं बांझ बकरी की कुर्बानी को फुकहाए इकराम ने जाइज़ लिखा है ।

      वल्लाहु आलमु बिस्सवाब


(आमह कुतुब फिकह व फतावा)


आपकी दुआओं का मुंतजिर मो० उस्मान आशिकी़ up india


बरोज़ जुमा 1 जुलाई 2022
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