ज़कात न देने और कुर्बानी न करने वाले के लिऐ क्या हुकुम है

ज़कात न देने और कुर्बानी न करने वाले के लिऐ क्या हुकुम है ?


Qurbani ke masaile




सवाल

क्या फर्माते हैं उलमाए इकराम व मुफ्तियाने इजा़म इस मस्अला के बारे में
कि एकक् शख्स है जो मदर्सा का सदर हे और नमाज़ का पाबंद भी है लेकिन मालिके निसाब होने के बावजूद ज़कात नहीं अदा करता है जो कि फर्ज़ है और कुर्बानी भी नहीं करता है
तो ऐसे शख्स के बारे में शरीअत का क्या हुकुम नाफिज़ होगा 
दलील के साथ जवाब इनायत फर्माऐ महेरबानी होगी ।


जवाब

जिस तरह से मुसलमान पर नमाज़ फर्ज़ की गयी है इसी तरह से मुसलमान मालिके निसाब पर ज़कात फर्ज़ की गयी और उसे बुनियादे इस्लाम क़रार दिया गया जो मुसलमान मालिके निसाब होने के बावजूद ज़कात अदा ना करे वो सख्त गुनहगार और मुस्तहिक गज़ब क़हार है यहाँ तक कि बिला उज्र अदाएगी में ताखीर करना भी गुनाह है ।


इरशादे बारी तआला है

واقیموا الصلوۃ واٰتوا الزکوۃ وارکعوا مع الراکعین

ओर नमाज़ का़यम करो  ओर ज़कात अदा करो ओर रुकू करने वालों के साथ रुकू करो

                   البقرہ، الآیۃ (٤٣)


हदीस शरीफ में है


بني الإسلام علی خمس :شھادة أن لا إله إلا الله وأن محمدا رسول الله وإقام الصلوٰۃ وإیتاء الزکوۃ والحج وصوم رمضان

हुजू़र अलैहिस्सलाम ने इरशाद फर्माया : इस्लाम की बुनियाद पाँच चीजो़ं पर है 
इस बात की गवाही देना कि अल्लाह के सिवा कोयी माबूद नहीं ओर मोहम्मद (ﷺ) अल्लाह के रसूल हैं , नमाज़ का़यम करना , ज़का़त देना , हज करना , ओर माहे रमजा़न के रोजे़ रखना


 (صحیح بخاری، کتاب الایمان رقم الحدیث ٨) 


फतावा आलमगीरी में है


  فھی فریضة محکمة یکفر جاحدھا ویقتل مانعھا ھکذا في محیط السرخسي وتجب علی الفور عند تمام الحول حتی یاثم بتاخیرہ من غیر عذر

فتاویٰ عالمگیری ج ١ ص ١٨٨ :مطبع دار 
الکتب  العلمیہ بیروت

इसी तरह से मुसलमान, मुकी़म, आकिल, बालिग़, मालिके निसाब पर अय्यामे नहर में कु़र्बानी करना वाजिब है जो इसे तरक करेगा वो गुनाहगार है एसे शख्स के लिऐ अहदीस में बडी़ सख्त वईदें आयीं हैं


हदीस शरीफ में है।

عن أبی ھریرۃ أن رسول الله صلی الله علیه وسلم قال : من کان له سعة ولم یضح فلا یقربن مصلانا

हुजू़र अलैहिस्सलाम ने इरशाद फर्माया जिसको कु़र्बानी करने की वुसाअत हो ओर वो कु़र्बानी न करे तो वो हमारी इदगाह के क़रीब न आऐ


 (سنن ابن ماجہ، کتاب الاضاحی رقم الحدیث ٣١٢٤)

खुलासा : जो शख्स मालिके निसाब हो वोह शरायत पाये जाने के बावजूद ज़का़त की अदाइगी ओर कु़र्बानी न करे तो सख्त गुनहगार क़हरे क़हार है। 


वल्लाहु आलमु बिस्सवाब।          

आपकी दुआओं का मुंतजिर मो० उस्मान आशिकी़


रसूल पनाह खीरी लखीमपुर युपी


दिन मंगल / 28 / जून / 2022

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